संस्कार भारती मुंगेर के संरक्षक, पूर्व अध्यक्ष और सभी कार्यकर्ताओं के प्रिय अभिभावक स्वर्गीय निर्मल कुमार जालान जी के देवलोक प्रस्थान के उपरांत आज उनकी स्मृति में प्रार्थना सभा आयोजित की गई। कार्यक्रम का आरंभ इकाई के युवा चित्रकार अमित कुमार शर्मा जी के बनाये गए निर्मल जी के चित्र पर सभी उपस्थित सदस्यों के द्वारा पुष्पांजलि से हुई।
70 वर्षो से उनके अभिन्न मित्र अखिलेश्वर प्रासाद गुप्ता जी ने अपने मित्रता के, उनके व्यक्तित्व के, उनके संगठन भाव से सभी का परिचय करा कर सभी को भावविह्वल कर दिया। उन्होंने बताया कि साहित्य से उनकी गहरी रुचि थी, उनके कमरे में तीन दीवारे सिर्फ पुस्तकों से भरी पड़ी है। विषय प्रभाव उनका कितना सटीक था कि एकाउंट्स के व्याख्याता होते हुए भी शायद ही कोई ऐसा विषय था जिसपर उनकी कड़ी पकड़ नही हो। संस्कार भारती के कार्यकर्ताओं के लिए गीता के श्लोक का पाठ उनकी इक्छा थी।
कुमारी सरोज ने उनके साथ विधा भारती और संस्कार भारती के अनुभवों को साझा किया।
साहित्य विधा के संयोजक पंकज रंजन जी ने उनके द्वारा लिखित कॅरोना और चीन की साजिश पर लेख को लोगों के बीच रखते हुए कहाँ की इसी कॅरोना से उनकी मृत्यु होगी पता नही था।
विभाग संयोजक श्री पाठक जी ने उनके समस्या समाधान के असीम गुणों की चर्चा करते हुए उनके अधूरे कार्यों को संस्कार भारती के सदस्यों से पूरा करने का आह्वाहन किया।
साथ ही प्रांतीय सह महामंत्री संजय कुमार पोद्दार ने उपस्थित सदस्यों से सहमति लेकर फरवरी में आयोजित होने वाले युवाओं के प्रतियोगिता को निर्मल जी को समर्पित करते हुए कार्यक्रम का नाम निर्मल सरस्वती संस्कृति महोत्सव करने की घोषणा की।
इस अवसर पर इकाई संरक्षण अमरनाथ केशरी, संदीप भगत, मंत्री रितेश कुमार, रोबिन केशरी और सुजीत कुमार गुप्ता ने भी अपने अनुभव को लोगों के बीच रखा। साथ ही इस अवसर पर लीना जोशी, अलीशा तिवारी, मंजुला शुक्ला, अदिति, ऋतिका शिवानी, संतोष कुमार झा, सुनील कुमार, यज्ञदीप, साकेत के साथ कार्यकारिणी के सभी सदस्य उपस्थित थे।