-धान-मक्का बेचने को भटक रहे अन्नदाता
-अवनिकांत दान करेंगे 11कुंतल मक्का
-कहा दधीचि की परम्परा निभाएंगे वंशज
रोहित कुमार दीक्षित ब्यूरो हरदोई
हरदोई हरपालपुर कटरी क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक अवनिकांत बाजपेयी ने कहा कि भले ही शासन-प्रशासन किसानों को उनकी उपज धान-मक्का आदि फसलों का समर्थन मूल्य (एमएसपी) देने का ढिंढोरा पीटकर रही हो पर खेत-खलिहानों से लेकर सरकारी क्रय केन्द्रों और मंडी में छोटे-मझोले असली अन्नदाताओं की कोई सुध नहीं ले रहा है। जिससे वे अपनी खून-पसीने की कमाई को आढ़तों-बाजारों में औने-पौने दामों में बेचने को विवश हैं।
उन्होंने बताया कि काफी लागत लगाकर सूखे और कीड़ों से खरीफ की फसल मक्का-धान को उगा-बचाया पाया। सोचा कि मेहनत और मंहगी लागत से पैदा की गती उपज का सरकारी समर्थन मूल्य मिलेगा तो शायद पैसों की भरपाई हो जाए। पर हुआ उल्टा। सीएम योगी को दान-पत्र भेजते हुए अवनिकांत बाजपेयी ने कहा कि फसल बिक्री हेतु फीस देकर पंजीकरण कराया और सांडी मंडी स्थित सरकारी क्रय केन्द्र पर मक्का लेकर पहुंचा तो केन्द्र प्रभारी ने लक्ष्य पूर्ति होने का बहाना बताकर मक्का भरे ट्रैक्टर को हटवा दिया। कहा मजबूर होकर डिप्टी आरएमओ से बात की तो उन्होंने हरदोई मंडी स्थित क्रय केन्द्र पर मक्का तोलने कराने के निर्देश केन्द्र संचालक मनोज को दिए। कहा जब मंडी मक्का भरा ट्रैक्टर लेकर गया तो वहां भी खरीदने से इंकार कर दिया गया। कृषक बाजपेयी ने कहा कि क्रय केन्द्रों पर छोटे-छोटे असली किसानों की उपज न खरीदकर बिचौलियों-व्यापारियों के माध्यम से खरीद लक्ष्य को पूरा किया गया है जिससे तंगहाल गरीब परेशान हैं। कहा कि उपज की अधिक लागत और कम मूल्य मिलने के बदतर हालातों से तंग किसान आत्महत्या जैसे आत्मघाती कदम उठाने को मजबूर होते हैं। पर सम्पूर्ण जीवन और अपनी हड्डियां तक धान देने वाले परशुराम और दधीचि जैसे परमार्थियों के वंशज होने से वह भी अपने खून-पसीने की कमाई को प्रदेश के मुखिया और गोरक्षपीठ के पीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की गौशाला को दान देंगे। कहा कि 11 कुंतल मक्का गांव पर रखी है जिसको पीठाधीश्वर योगी अपने निजी या मुख्यमंत्री होने के नाते सरकारी संसाधनों से उठवा लें, इसी संदर्भ में अनुरोध पत्र उनके दोनों आवासीय पत्रों पर भेजा गया है।